- "जादे जोगी, मठ उजाड़"
- "जेकरे अरबर, तेकरे खरबर"
- "जुमै मियाँ के माँड़ नै, खोजै मियाँ ताड़ी"
- "जे भोज नञि करे, से दाइल बड्ड पीबए"
- "जेकर माय मरल तेक्कर पत्ता पर भाते नञि"
- "जाइतो गमेलौ, स्वादो नञि पयलहुँ"
- "जीर पीस पियब नञि,सैंय बगैर जियब नञि"
- "जतेक बहु नञि ओतेक'के लहठी"
- "जखने कहलनि कक्का यौ, तखने बुझलहुँ खुरपी हरायल"
- "जुना जड़ि गेल, ऐंठन नञि गेल"
- "जाबे छलहूं कुमारि ताबे धम्मर धम्मर मारि, आब भेल बियाह आबके सहत मारि"
- "जेबय नेपाल कपार जेतय संगे"
- "जक्कर बनरी सैह नचाबै"
- "जकर उक नञि तकर फुक बड भारी"
- "जेहने तकलह हौ कुटुम, ओहने भेटलह हौ कुटुम"
- "जुरय लाय नै, खाय बतासा"
- "जतऽ सुई नञि समाय, ततऽ फाड़ घुसियाय"
- "जेठ भेल छोट बैशाख भेल उपर"
- जकरा लेल चोरी केलौ, सैह कहलक चोरा.
विभूति झा
Posted on : May 29, 2016बड्ड नीक! सराहनीय कदम अछि....फकरा भाषा-सौंदर्यक कऽ बढ़बैत अछि ताहि मँ
संदेह नहि. <br />
मैथिली फकरा अंतर्जालक माध्यमे सर्वसुलभ करयबाक हेतु अहि मंच के आभारी
छी....आशा अछि जे अपन भाषामँ रूचि रखनहार अहि सँ लाभान्वित हेताह..
रौशन चौधरी
Posted on : January 22, 2016जकरे लै छोरी केलहुँ सैह कहैए चोरा।